वेगनर का महाद्वीपीय प्रवाह सिद्धान्त

वेगनर का महाद्वीपीय प्रवाह सिद्धान्त (Continental Drift Theory of Wegener)- प्रो० अल्फ्रेड वेगनर जर्मनी के एक प्रसिद्ध जलवायुवेत्ता तथा भूशास्त्रवेत्ता थे। वेगनर ने अपने सिद्धान्त का प्रतिपादन 1912 में किया, परन्तु इसका विवेचन 1915 तथा 1920 में हुआ, क्योंकि प्रथम विश्वयुद्ध के कारण इस सिद्धान्त की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित नहीं हो पाया। महासागरों … Read more

बिग बैंग सिद्धांत (Big Bang Theory)

बिग बैंग सिद्धांत (Big Bang Theory)-आधुनिक समय में वैज्ञानिकों ने केवल पृथ्वी की उत्पत्ति के स्थान पर पूरे ब्रह्मांड की उत्पत्ति के संबंध में सोचना शुरू कर दिया। बिग बैंग सिद्धांत, जिसे विस्तारित ब्रह्माण परिकल्पना (Expanding Universe Hypothesis) भी कहते है। इसी सोच का परिणाम है। बिंग बैंग एक आधुनिकतम परिकल्पना है जो ब्रह्मांड की … Read more

Ganga Nadi Kahan Se Nikalti Hai – गंगा नदी

Ganga Nadi Kahan Se Nikalti Hai

गंगा नदी तंत्र (Ganges River System)  गंगा नदी उत्तराखण्ड राज्य के उत्तरकाशी जिले में गोमुख के में निकट गंगोत्री हिमनद से 6,600 मीटर की ऊँचाई से निकलती है। यहाँ यह भागीरथी के नाम से जानी जाती है। यह मध्य व लघु हिमालय श्रेणियों को काट कर ये तंग महाखड्डों से होकर गुजरती है। देवप्रयाग में … Read more

सिंधु नदी की सहायक नदियां सतलुज, व्यास, रावी, चेनाब तथा झेलम

सिंधु अपवाह (The Indus Drainage System) : भारत के उत्तर-पश्चिमी भाग में सिन्धु तथा उसकी सहायक नदियाँ विस्तृत क्षेत्र को अपवाहित करती हैं। अकेले सिन्धु नदी ही हिमालयी प्रदेश में 2,50,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को अपवाहित करती है। सिंधु नदी की सहायक नदियां सतलुज, व्यास, रावी, चेनाब तथा झेलम जैसी प्रसिद्ध नदियाँ इसकी सहायक नदियाँ … Read more

bharat ki pramukh nadiyan भारत की प्रमुख नदियाँ

bharat ki pramukh nadiyan

भारत की प्रमुख नदियाँ – भारत के कुल अपवाह क्षेत्र के लगभग 77% भाग में गंगा, ब्रह्मपुत्र, महानदी, कृष्णा आदि नदियाँ शामिल हैं, जो बंगाल की खाड़ी (Bay of Bengal) में जल विसर्जित करती हैं, जबकि 23% क्षेत्र जिसमें सिन्धु, नर्मदा, तापी, माही व पेरियार नदियाँ हैं, अपना जल अरब सागर में गिराती हैं। भारत … Read more

पेंक का अपरदन चक्र सिद्धांत

पेंक का अपरदन चक्र सिद्धांत

पेंक का अपरदन चक्र सिद्धांत 1924 में प्रस्तुत कियाl जिसे ‘मार्कोलाजिकल सिस्टम’ या ‘मार्कोलाजिकल एनालिसिस’ के नाम से जाना जाता है। पेंक के मॉडल का मुख्य उद्देश्य बहिर्जीत प्रक्रमों तथा आकृतिक विशेषताओं के आधार पर धरातलीय संचलन के विकास एवं उसके कारणों की कल्पना करना था। दूसरे शब्दों में पेंक स्थलरूपों की विशेषताओं की व्याख्या … Read more

लोकसंख्या भुगोलाची ओळख quiz ( population geography )

लोकसंख्येची वाढ व वितरण MCQ ( Quiz )

लोकसंख्या भुगोलाची ओळख quiz ( population geography ) या विषयाची quizदिली आहे टी तुम्ही सोडावा भूगोल म्हणजे पृथ्वीच्या पृष्ठभागावरील प्राकृतिक व सांस्कृतिक घटकांच्या स्वरूपाचा व वितरणाचा अभ्यास असून पृथ्वीवरील सर्वात महत्त्वाचा व परिवर्तनशील घटक आहे. विविध प्रदेशांतील लोकसंख्या, लोकसंख्येची वाढ, जन्म-मृत्यू, स्त्री-पुरुष प्रमाण, स्थलांतर, धर्म, भाषा, देश व आर्थिक स्थिती इत्यादीं बरोबरच सभोवताल च्या भौगोलिक … Read more

वायु द्वारा निर्मित स्थलाकृति

वायु द्वारा निर्मित स्थलाकृति

वायु द्वारा निर्मित स्थलाकृति (Landformas made by Wind) : – वायु द्वारा निर्मित स्थलाकृति जिसमें वातगर्त, छत्रक या गारा, ज्यूजेन, यारडांग, पाषाण जालक,इन्सेलबर्ग, ड्रीकांटर, भू-स्तम्भ, बालू का स्तूप,  बारखन, लोयस मैदान, वायु द्वारा निर्मित स्थलाकृति या बहुत ही महत्वपूर्ण अपरदन के अन्य कारकों के समान पवन भी अपरदन तथा निक्षेपण का एक प्रमुख कारक है … Read more

कोबर का भूसन्नति सिद्धांत

कोबर का भूसन्नति सिद्धांत

कोबर का भूसन्नति सिद्धांत – प्रसिद्ध जर्मन विद्वान कोबर ने वलित पर्वतों की उत्पत्ति की व्याख्या के लिए ‘भूसन्नति सिद्धान्त’ का प्रतिपादन किया। वास्तव में उनका प्रमुख उद्देश्य प्राचीन दृढ़ भूखण्डों तथा भूसन्नतियों में सम्बन्ध स्थापित करना था। कोबर ने इस तरह अपने भूसन्नति सिद्धान्त के आधार पर पर्वत निर्माण की क्रिया को समझाने का … Read more

नदी द्वारा निर्मित स्थलाकृति

नदी द्वारा निर्मित स्थलाकृति

नदी द्वारा निर्मित स्थलाकृति का सामान्य परिचय – भूतल पर समतल स्थापक बलों में बहते हुए जल (नदी) का कार्य सर्वाधिक महत्वपूर्ण होता है। वर्षा का जो जल धरातल पर किसी न किसी रूप में बहने लगता है, उसे बाही जल कहते हैं। नदी द्वारा निर्मित स्थलाकृति जब बाही जल एक निश्चित रूप में ऊँचाई … Read more

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